क्या है एक्स-रे (X-rays) के विभिन्न प्रकार और उनके उपयोग के विभिन्न तरीके !


क्या है एक्स-रे (X-rays) के विभिन्न प्रकार और उनके उपयोग के विभिन्न तरीके !

एक्स-रे (X-rays) जोकि एक बेहतरीन उपकरण है आपके शरीर के आंतरिक समस्याओं का पता लगाने के लिए इसलिए जरूरी है की अगर आपको किसी भी तरह की आंतरिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इसके लिए आपको एक्स-रे का सहारा लेना चाहिए, वही एक्स-रे के अलग-अलग प्रकार कौन-से है और साथ ही इनके उपयोग के तरीके क्या है इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

क्या है एक्स-रे (X-rays) ?

  • एक्स-रे एक प्रकार का विकिरण है, जिसका उपयोग शरीर के अंदर की तस्वीर बनाने के लिए किया जाता है। जैसे ही एक्स-रे किरणें आपके शरीर से गुजरती हैं, वे शरीर में विभिन्न संरचनाओं, जैसे हड्डियों और नरम ऊतकों द्वारा अलग-अलग तरीके से अवशोषित होती है, 
  • वहीं इसका उपयोग एक छवि बनाने के लिए किया जाता है। और तो और एक्स-रे इमेजिंग को रेडियोग्राफी के रूप में भी जाना जाता है।

अगर आपको भी अपने शरीर के एक्स-रे को करवाना है तो इसके लिए आपको लुधियाना में बेस्ट एक्स-रे टेक्नीशियन का चयन करना चाहिए।

एक्स-रे (X-rays) कितने प्रकार के होते है ?    

  • एक्स-रे (X-rays) की बात करें तो इसके कई प्रकार है और ये कई अन्य तरीके से किया जाता है, जैसे – सादा रेडियोग्राफी, या सादा एक्स-रे। 
  • कंप्यूटेड टोमोग्राफी, जिसे सीटी स्कैनिंग के रूप में भी जाना जाता है। 
  • फ्लोरोस्कोपी टेस्ट, जो किसी व्यक्ति के अंग की चलती-फिरती छवियां बनाते है। 
  • मैमोग्राफी एक्स-रे (X-rays) में स्तनों का स्कैन किया जाता है। 
  • एंजियोग्राफी में आपके रक्त वाहिकाओं का एक एक्स-रे किया जाता है।

किन बीमारियों का पता लगाने के लिए एक्स-रे (X-rays) किया जाता है ?

  • एक्स-रे का उपयोग शरीर के अधिकांश क्षेत्रों की जांच के लिए किया जा सकता है। 
  • वहीं इनका उपयोग मुख्य रूप से हड्डियों और जोड़ों को देखने के लिए किया जाता है, हालांकि कभी-कभी इनका उपयोग आंतरिक अंगों जैसे कोमल ऊतकों को प्रभावित करने वाली समस्याओं का पता लगाने के लिए भी किया जाता है। 
  • एक्स-रे के दौरान जिन समस्याओं का पता लगाया जा सकता है उनमें शामिल है, हड्डी का फ्रैक्चर या उसका टूटना।
  • इसके अलावा एक्स-रे (X-rays) की मदद से हम तमाम बीमारियों का पता लगा कर खुद को इन बीमारियों से बचा सकते है।   

वहीं अगर आप एक्स-रे को करवाने के बारे में सोच रहें है, तो इसके लिए आप एक बार लुधियाना में X-rays का खर्च कितना है, इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें। 

एक्स-रे (X-rays) को किन तरीकों से किया जाता है ?                                                                           

  • एक्स-रे से आपके शरीर के जिस हिस्से की जांच की जा रही है, उसके आधार पर, आपको कपड़े उतारने, सभी आभूषण उतारने और हॉस्पिटल के गाउन को पहनने के लिए कहा जा सकता है।  
  • वहीं रेडियोग्राफर आपको एक्स-रे की स्थिति के बारे में निर्देश देगा। आपको खड़े होने, लेटने या बैठने के लिए कहा जा सकता है।
  • रेडियोग्राफर आपको एक्स-रे मशीन और इमेजिंग डिवाइस के बीच रखेगा जो आपके शरीर के उस हिस्से से प्रसारित होने वाले एक्स-रे को कैप्चर करता है।
  • रेडियोग्राफर आपके शरीर के कुछ हिस्सों को लीड एप्रन से ढक सकते है। और इसका उद्देश्य विकिरण के अनावश्यक जोखिम के जोखिम को कम करना है।
  • प्रत्येक चित्र के लिए आपके शरीर को सही स्थिति में रखने के लिए रेडियोग्राफर को आपको छूने की आवश्यकता होगी।
  • प्रत्येक छवि लेते समय रेडियोग्राफर नियंत्रण संचालित करता है। ऐसा करने के लिए, वे एक स्क्रीन के पीछे खड़े होंगे और यदि आवश्यक हो तो आपको निर्देश देंगे।
  • प्रत्येक तस्वीर लेते समय आपको कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस रोकने के लिए कहा जा सकता है, ताकि सांस लेने की गति से तस्वीरें धुंधली न हो जाएं।
  • उदाहरण के लिए, हाथ की एक सीधी पारंपरिक एक्स-रे परीक्षा में आमतौर पर कुछ मिनट लगते है। जबकि अन्य प्रकार की एक्स-रे जांच में अधिक समय लग सकता है।

सुझाव :

एक्स-रे (X-rays) करवाते वक़्त व्यक्ति को डॉक्टर के बताए अनुसार चलना चाहिए और किन बातों का इस दौरान ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में भी आप डॉक्टर से जानकारी लें सकते है।

एक्स-रे (X-rays) के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप चाहें तो एक्स-रे को कल्याण डायग्नोस्टिक हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। पर एक्स-रे का चयन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।   

   निष्कर्ष :

एक्स-रे  की मदद से हम अपने शरीर की तमाम समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है, इसलिए जरूरी है की अगर आप किसी अंधरुनि समस्या का सामना कर रहें है, तो इसके लिए आपको एक्स-रे का चयन करना चाहिए।

एमआरआई (MRI) स्कैन की क्या है लागत और इसको कैसे, कब और क्यों किया जाता है ?

एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे एक व्यक्ति की बीमारी का खुल के विश्लेषण करने के बाद उसकी बीमारी को चित्रों के माध्यम से सामने प्रस्तुत करते है, तो आइये जानते है की एमआरआई (MRI) स्कैन की लागत क्या है तो इसका चयन व्यक्ति को कब और किस स्थिति में करना चाहिए ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • एमआरआई (MRI) का मतलब चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग है। यह शरीर में कई प्रकार की बिमारियों के बारे में पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 
  • एमआरआई मशीन एक चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों से मानव शरीर में पानी के अणुओं के साथ इंटरैक्ट करता है ओर आखिर में एमआरआई मशीन अंगों की विस्तृत तस्वीरें बनाती है। 
  • शरीर में जिस हिस्से में पानी शामिल नहीं है जैसे दांत और हड्डियां, वहां एमआरआई स्कैन से कुछ दिखाई नहीं देता। 
  • एमआरआई स्कैन में किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता। चुंबकीय किरण सुरक्षित मानी जाती है और इसलिए एमआरआई स्कैन एक सुरक्षित प्रक्रिया है।

एमआरआई (MRI) स्कैन क्यों किया जाता है ?

  • ह्रदय संबंधी बीमारी के बारे में जानने के लिए। 
  • ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए। 
  • रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क कैंसर का पता लगाने के लिए। 
  • गर्भ और लिवर कैंसर का पता लगाने के लिए। 
  • शरीर के विभिन भागों में अल्सर, ट्यूमर या अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए। 
  • कंधे, घुटने या टखने की हड्डियों का एमआरआई स्कैन। 
  • रीढ़ की हड्डी का एमआरआई स्कैन आदि।

एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने से पहले व्यक्ति को किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है !

  • इस प्रक्रिया में सबसे पहले एक बड़ी गोलाकार जगह होती है, जिसमे व्यक्ति को एक टेबल पर लेटाकर मशीन के अंदर भेजा जाता है।
  • फिर मरीज़ से पर्स, बटुआ, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या चिप के साथ किसी भी अन्य कार्ड को ले लिया जाता है। 
  • मोबाइल फोन या कोई भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। 
  • आभूषण या घड़ी। 
  • सिक्के जा अन्य धातु आइटम को मशीन के अंदर जाने से पहले ही निकलवा लिया जाता है।
  • इसके अलावा शरीर में कोई धातु की रॉड या प्लेट अगर पड़ी है, तो भी खतरा हो सकता है इस स्कैन का। 
  • संयुक्त प्रतिस्थापन या कृत्रिम अंग भी खतरा है। 
  • कभी-कभी श्रृंगार और नेल पॉलिश आदि में धातु हो सकती है, इसलिए जरूरी है की एमआरआई स्कैन से पहले इसे हटा लें। 
  • दांत का भराव छवियों को विकृत कर सकता है और इसलिए रेडियोलाजिस्ट के साथ चर्चा करने के बाद ही इस स्कैन का चयन करें।

एमआरआई (MRI) स्कैन का चयन किन्हें नहीं करना चाहिए !

  • जिन लोगों के शरीर में किसी भी तरह की धातु है उन्हें इस स्कैन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 
  • जो महिलाएं गर्भवती या स्तनपान करा रही है, उन्हें भी इस स्कैन से बचना चाहिए। हालांकि कुछ डॉक्टरों का कहना है की, एमआरआई स्कैन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन ध्यान रखें आम तौर पर स्कैन गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में नहीं किया जाता है। वहीं इस स्कैन का चयन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

भारत में एमआरआई (MRI) स्कैन की लागत क्या है ?

  • भारत या फिर लुधियाना में MRI का खर्च औसतन, 1500 से 25,000 भारतीय रूपए के हिसाब से है।
  • वहीं इसकी लागत निर्भर करती है की आप इस टेस्ट को कहा से करवा रहें है और शरीर के किस अंग का टेस्ट आपके द्वारा करवाया जा रहा है। 
  • अगर आपके द्वारा MRI स्कैन पूरे शरीर का करवाया जाता है तो इसका खर्चा 7000 से लेकर 15,000 तक का भी आ सकता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप वाजिफ दाम में एमआरआई (MRI) स्कैन को कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

सुझाव :

यदि आपको अपने शरीर में अंदरूनी बीमारी काफी दिनों से महसूस हो रहीं है, तो इससे बचाव के लिए आपको समय रहते एमआरआई (MRI) स्कैन का चयन कर लेना चाहिए। 

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है की आपको इस छोटे से आर्टिकल के माध्यम से पता चल गया होगा की क्या है, एमआरआई (MRI) स्कैन और इसकी सम्पूर्ण जानकारी।