MRI जिसको हमारे शरीर के जाँच के लिए एक बहुत ही बढ़िया मशीन माना जाता है, इसकी मदद से आपके शरीर का अच्छे से जाँच किया जाता है। पर क्या आप जानते है की अगर आप इस जाँच को मेकअप लगा कर करवाने जाते है तो इसकी रिपोर्ट गलत भी आ जाती है, वहीं कुछ मामलों में तो मेकअप के बाद MRI को करवाने से कैंसर जैसे मामले भी सुनने को मिले है, तो चलिए जानते है की आपको MRI के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि जाँच के बाद आपकी रिपोर्ट गलत न आए ;
क्या है MRI जाँच ?
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि (मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग) एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। वहीं यह मशीन एक्स-रे का उपयोग नहीं करता है।
- अधिकांश मामलों में हमने देखा है की एमआरआई मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की चुम्बक होती है। जब आप MRI मशीन के अंदर लेटते है, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: संरेखित करने लगते है।
- इसके अलावा रेडियो तरंगें इन संरेखित परमाणुओं को बेहोश सिग्नल उत्पन्न करने का कारण बनती है, जिनका उपयोग क्रॉस-अनुभागीय एमआरआई छवियों को बनाने के लिए किया जाता है।
जानिए क्या है ओपन और कंट्रास्ट वाला एमआरआई (MRI) ?
- ओपन MRI की बात करें तो ये एक खुला एमआरआई मशीन के प्रकार को संदर्भित करता है जो छवियों को लेता है। आम तौर पर, एक खुली एमआरआई मशीन में आपके ऊपर और नीचे दो फ्लैट मैग्नेट होते है, जिनके बीच में आपको लेटने के लिए एक बड़ी जगह होती है। यह दो तरफ खुली जगह की अनुमति देता है और क्लॉस्ट्रोफोबिया (claustrophobia) को कम करता है।
- फिर बात करें कंट्रास्ट MRI की जो कुछ एमआरआई परीक्षाएं कंट्रास्ट सामग्री के इंजेक्शन का उपयोग करती है। कंट्रास्ट एजेंट में गैडोलीनियम होता है, जो एक दुर्लभ पृथ्वी धातु है। और जब यह पदार्थ आपके शरीर में मौजूद होता है, तो यह आस-पास के पानी के अणुओं के चुंबकीय गुणों को बदल देता है, जिससे छवियों की गुणवत्ता बढ़ जाती है।
इन दोनों में से किसी भी MRI का चयन करने से पहले लुधियाना में MRI का खर्च कितना है, इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।
एमआरआई (MRI) जाँच से क्या पता चलता है ?
- आपके मस्तिष्क और आसपास के तंत्रिका ऊतक का पता चलना।
- आपकी छाती और पेट के अंग, जिसमें आपका हृदय, लीवर, पित्त पथ, गुर्दे, प्लीहा, आंत्र, अग्न्याशय और अधिवृक्क ग्रंथियां नज़र आती है।
- स्तन के ऊतक का भी पता चलता है।
- आपके रीढ़ की हड्डी में लगें चोट का भी इसके द्वारा पता चलता है।
- आपके मूत्राशय और प्रजनन अंगों सहित श्रोणि अंग में विकार के बारे में भी इस टेस्ट के माध्यम से जानकारी आपको हासिल हो सकती है।
- रक्त वाहिकाओं में परेशानी हो तो उसके बारे में भी इस टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जा सकता है।
- लसीकापर्व (प्रतिरक्षा प्रणाली के भाग) की भी जाँच की जा सकती है MRI की मदद से।
MRI जाँच से सही बीमारी का पता तभी लगाया जा सकता है, जब आप इस जाँच को लुधियाना में बेस्ट रेडिओलॉजिस्ट से करवाते है।
क्या MRI जाँच का चयन करने से व्यक्ति कैंसर की बीमारी से ग्रस्त हो जाता है ?
- आपको बता दें कि एमआरआई एक दर्दरहित प्रोसिजर होता है, जिसमें 15 से 90 मिनट तक का समय आराम से लग जाता है। वहीं इस टेक्नॉलजी में शक्तिशाली चुंबकों, रेडियो वेव और एक कम्प्यूटर का इस्तेमाल होता है, जिससे शरीर के अंदर की पूरी जांच की जाती है। इसकी मदद से डॉक्टर घाव, रक्त की नसों में डैमेज, कैंसर या फिर दिल की बीमारियों का भी पता लगा सकते है।
- जहां एक ओर डॉक्टर और लैब असिस्टेंट एमआरआई स्कैन से पहले मरीज के शरीर से मेटल हटाने के लिए कहते है, वहीं कभी-कभी वह चेहरे के मेकअप को नजरअंदाज कर देते है, जिसमें धातु तत्व होते है। जिस वजह से ही जांच रिपोर्ट गलत आ जाती है।
- इसलिए जरूरी है की अगर आप MRI की जाँच करवाने जा रहें है तो ध्यान रहें की आपके शरीर में मेटल की कोई भी चीज न हो और न ही आपके चेहरे पर मेकअप लगा होना चाहिए।
- तो MRI से जाँच की रिपोर्ट कभी गलत नहीं आती, बस कुछ हमारे द्वारा और कुछ डॉक्टरों के द्वारा बातें ध्यान न होने की वजह से इसकी रिपोर्ट गलत आ जाती है। और घबराए न MRI की जाँच को करवा कर आप कैंसर पीड़ित नहीं हो सकते।
सुझाव :
एमआरआई (MRI) एक बहुत ही सुरक्षित और दर्द रहित जाँच है, जिसको करवाने से आप कैंसर पीड़ित नहीं होते, बल्कि ये आपके शरीर की समस्या के बारे में जाँच करते है और आपकी बीमारी को खुल कर सबके सामने लाते है।
वहीं अगर आप MRI की जाँच को सुरक्षित तरीके से करवाना चाहते है, तो इसके लिए आप कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन कर सकते है।
निष्कर्ष :
MRI जाँच एक बहुत ही बेहतरीन जाँच प्रक्रिया है, जिसको करवा कर आप अपने शरीर में उत्पन्न हुई बीमारी का जड़ से खात्मा करने में काफी सहायक साबित होते है। इसके अलावा अफवाओं पर यकीन न करें की इस जाँच का चयन करने से व्यक्ति की समस्या और बढ़ सकती है, बल्कि इससे जुडी किसी भी तरह की समस्या का आपको सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको अनुभवी रेडिओलॉजिस्ट डॉक्टर के पास आना चाहिए।