एमआरआई (MRI) सर्वाइकल स्पाइन करवाने के क्या है लागत, परिणाम व सम्पूर्ण जानकारी ?


एमआरआई (MRI) सर्वाइकल स्पाइन करवाने के क्या है लागत, परिणाम व सम्पूर्ण जानकारी ?

एमआरआई (MRI) जोकि हर बीमारी को पकड़ने में काफी मददगार साबित होती है। साथ ही एमआरआई की मदद से हम अंधरुनि समस्या को जानकर उसका इलाज अच्छे से करवा सकते है। वहीं एमआरआई से सर्वाइकल स्पाइन का इलाज व जाँच को कैसे किया जाता है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

एमआरआई (MRI) कैसे सहायक है सर्वाइकल स्पाइन की जाँच के लिए ?

  • एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन रीढ़ के सर्वाइकल क्षेत्र (गर्दन के पीछे की तरफ) की जांच और पता लगाने में मदद करता है। यह गर्दन और रीढ़ की अंदरूनी चोट या फ्रैक्चर का पता करने में मदद करते है। 
  • यदि आपको गर्दन के क्षेत्र में दर्द है तो डॉक्टर आमतौर पर इसकी सलाह देते है। यह परीक्षण गर्दन और सर्वाइकल स्पाइन के कोमल ऊतकों का 3-डी दृश्य देता है। वही लुधियाना में MRI का खर्च या सर्वाइकल स्पाइन की कीमत 3000 रुपये से लेकर 6000 रुपये तक है।

सर्वाइकल स्पाइन के MRI में क्या शामिल हो सकते है ?

  • सात कशेरुक जो C1 से C7 तक होते है। 
  • रक्त वाहिकाएं। 
  • नसे। 
  • पट्टा। 
  • बंधन। 
  • उपास्थि आदि इसके MRI में शामिल होते है। 

क्या है सर्वाइकल MRI स्कैन ? 

  • सर्वाइकल एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) गर्दन के पीछे की हड्डियों, जिन्हें सर्वाइकल स्पाइन कहा जाता है, की विस्तृत छवियां उत्पन्न करने के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करते है।  
  • परीक्षण के दौरान, एमआरआई मशीन व्यक्ति के शरीर में एक अस्थायी चुंबकीय क्षेत्र बनाती है, जो शरीर में मौजूद हाइड्रोजन परमाणुओं को क्षेत्र के साथ संरेखित करने के लिए मजबूर करती है।
  • अगर आप गर्दन के पीछे की हड्डियों या सर्वाइकल स्पाइन की समस्या से परेशान है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट से अपनी जाँच को करवाना चाहिए।

सर्वाइकल स्पाइन MRI का उद्देश्य क्या है ?

  • रीढ़ की हड्डी में चोट लगी हो तो इसके लिए इस स्कैन का चयन किया जाता है।  
  • हड्डियों या कोमल ऊतकों में ट्यूमर या कैंसर होने पर भी आप इस स्कैन का चयन कर सकते है। 
  • हर्नियेटेड डिस्क होने पर इस स्कैन का चयन करना।
  • डिस्क फलाव की समस्या होने पर इसका चयन करना। 
  • जन्मजात या शारीरिक जन्म दोष होने पर इस स्कैन का चयन करना।
  • हड्डियों की बनावट में असामान्यता के आने पर इसका चयन करना।
  • स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या होने पर इसका चयन करना। 
  • ऊपरी अंगों में अकड़न होने पर इसका चयन करना।

MRI सर्वाइकल स्पाइन के विभिन प्रकार क्या है ?

  • WSS के साथ MRI का सर्वाइकल स्पाइन करवाना। 
  • एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन फ्लेक्सन-एक्सटेंशन। 
  • ब्रेन जांच के साथ एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन की जाँच। 
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस का पता लगाने के लिए। 
  • ALS के पहचान के लिए। 
  • गतिशील एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन।
  • कंट्रास्ट के साथ एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन। 

सर्वाइकल स्पाइन MRI क्यों किया जाता है ?

  • गर्दन, बांह या कंधे में गंभीर दर्द जो इलाज के बाद भी कम ना हो तो इस जाँच का चयन करें। 
  • पैर में कमजोरी या सुन्नता जैसे लक्षणों के साथ गर्दन में दर्द होने पर। 
  • रीढ़ की हड्डी के जन्म दोष या रीढ़ की हड्डी में चोट का पता लगाना। 
  • रीढ़ की हड्डी में संक्रमण या ट्यूमर का पता लगाने के लिए। 
  • रीढ़ की हड्डी में गठिया का पता लगाने के लिए। 
  • परीक्षण स्पाइन सर्जरी से पहले या बाद में भी किया जा सकता है।

सर्वाइकल MRI कैसे किया जाता है ?

  • रेडियोग्राफर आपको स्कैन कक्ष में प्रवेश करने से पहले डेन्चर और विग सहित सभी धातु की वस्तुओं को हटाने का निर्देश देंगे। 
  • वे आपको हॉस्पिटल गाउन पहनने के लिए कह सकते है। 
  • आपको एक बिस्तर पर लेटना होगा, जो एमआरआई स्कैनर मशीन के अंदर चला जाएगा। 
  • प्रक्रिया में एक डाई (कंट्रास्ट) की आवश्यकता हो सकती है, जो परीक्षण से पहले आपकी बांह में एक नस के माध्यम से दी जाएगी। 
  • कंट्रास्ट कुछ क्षेत्रों को अधिक साफ-साफ देखने में मदद करता है। 
  • आपको बिल्कुल स्थिर होकर लेटना होगा, क्योंकि हरकतें तस्वीरों को धुंधला बना सकती है। 
  • परीक्षण आमतौर पर 30-60 मिनट तक चलता है लेकिन इसमें अधिक समय भी लग सकता है। 

सर्वाइकल MRI के जोखिम क्या है ?

  • कंट्रास्ट से एलर्जी की प्रतिक्रिया को करना, जोकि काफी जोखिम भरा होता है। 
  • एमआरआई मशीन में मौजूद मजबूत चुंबक पेसमेकर और अन्य धातु प्रत्यारोपण में खराबी या शरीर के अंदर हिलने-डुलने का कारण बन सकते है। 
  • उपयोग किया जाने वाला कंट्रास्ट उन किडनी रोगों वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता होती है।

सुझाव :

सर्वाइकल स्पाइन में अगर आपको दिक्कत है तो इस समस्या का सामना करने के लिए आपको एमआरआई का चयन करना चाहिए, क्युकी एमआरआई की मदद से ये जानना काफी आसान हो जाता है की व्यक्ति को किस तरह की समस्या है। 

इसके अलावा आप चाहें तो इस टेस्ट को कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

एमआरआई (MRI) स्कैन स्पाइन लम्बर यानि (पीठ में होने वाले दर्द) के मामलों में कैसे है सहायक ?

एमआरआई (MRI) स्कैन जोकि हर तरह की समस्या का स्पष्ट रूप में मूल्यांकन करते है साथ ही इसका चयन करके हमें सब कुछ स्पष्ट हो जाता है की हम किस तरह की बीमारी से जूझ रहें है और साथ ही एमआरआई (MRI) स्कैन डॉक्टरों के लिए काफी सहायक माना जाता है। इसके अलावा एमआरआई स्पाइन लम्बर की समस्या को कैसे विस्तार से बाहर लाने में हमारी मदद करेंगे इसके बारे में हम सम्पूर्ण लेख में चर्चा करेंगे ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • MRI (मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) एक जांच की प्रक्रिया है। इसमें शरीर के अंदर की उच्च गुणवत्ता वाली, विस्तृत तस्वीरें बनाने के लिए एक बड़े चुंबक, रेडियो तरंगों और कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। 
  • एमआरआई जांच का चयन अगर कोई भी करता है, तो उसे दर्द की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, इसलिए इस स्कैन का चयन बच्चे भी कर सकते है। 

इस स्कैन का चयन करने से बेशक आपको दर्द की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन जरूरी है की अगर आप इस स्कैन का चयन करने जा रहें है तो इससे पहले लुधियाना में MRI का खर्च कितना है इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।

एमआरआई (MRI) स्कैन से क्या-क्या बाते सामने आती है ?

  • एमआरआई स्कैन का चयन जब आप करते है तो आपको मस्तिष्क, रीढ़, जोड़ों, हृदय, लीवर, और कई अन्य अंगों जैसे शरीर के कोमल-ऊतक व अन्य संरचनाओं का पता एमआरआई (MRI) चित्रों के द्वारा आसानी से पता लग जाता है। 
  • कैंसर, हृदय की बीमारी, मांसपेशियों और हड्डियों की बीमारियों, और कई अन्य बीमारियों का डायग्नोसिस एमआरआई स्कैन से किया जा सकता है। इस स्कैन की मदद से हम रीढ़ की हड्डी व पीठ की हड्डी में दर्द की समस्या का भी पता लगा सकते है।

एमआरआई (MRI) स्पाइन लम्बर स्कैन में किस तरह की तकनीक का प्रयोग किया जाता है 

  • चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उपयोग रीढ़ की हड्डी और अन्य अंगों के निदान के लिए भी किया जाता है। 
  • इस प्रक्रिया में चुंबकीय तरंगों का इस्तेमाल रीढ़ की हड्डी के विस्तृत चित्र का निर्माण करने के लिए उपयोग किया जाता है। 
  • इसमें मरीज को मेज़ पर लेटा कर एमआरआई मशीन के अंदर ले जाया जाता है, जो, एक बड़े डोनट की तरह लगता है। 
  • एमआरआई स्कैन आक्रामक नहीं है और यह एक दर्द रहित प्रक्रिया है। 
  • वहीं एक्स-रे और सीटी स्कैन के विपरीत, एमआरआई स्कैन में विकिरण का उपयोग नहीं होता है, इसलिए यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है।

एमआरआई (MRI) स्पाइन लम्बर के प्रकार क्या है ?

  • एमआरआई स्पाइन लम्बर के लिए कंट्रास्ट एजेंट शरीर में इंजेक्शन या मौखिक रूप से दिया जाता है। कंट्रास्ट एजेंट आमतौर पर बेहतर छवियाँ देता है, जबकि बिना कंट्रास्ट इसके विपरीत है। हालांकि, आपके डॉक्टर यह फैसला करते है कि आपको कौन-से टेस्ट के लिए जाना है।
  • अधिकांश एमआरआई स्कैन स्पाइन लम्बर में रोगी को लिटाकर मशीन में ले जाने की आवश्यकता होती है। जो लोग बंद मशीन में जाने से डरते है, उनके लिए यह एक चिंता का विषय हो सकता है। तकनीशियन उन मामलों में एनिस्थिसिया दे सकते है या वह ओपन एमआरआई का विकल्प भी सामने वाले मरीज को दे सकते है, पर ध्यान रहें ये स्कैन थोड़ा मेहगा है।
  • टेस्ला चुंबकीय शक्ति की माप की एक इकाई है। एमआरआई मशीन 1.5 टेस्ला या 3 टेस्ला हो सकती है। 3 टेस्ला एमआरआई स्कैन मशीन तेज गति से बेहतर गुणवत्ता की छवियों का उत्पादन कर सकती है। हालांकि, यह अधिक महंगी होती है। इसके अतिरिक्त, भारत में हो रहे अधिकांश एमआरआई स्कैन के लिए 1.5 टेस्ला मशीन पर्याप्त है।
  • स्पाइन लम्बर क्षेत्र के लिए आवश्यक जानकारी के आधार पर, डॉक्टर स्क्रीनिंग या सामान्य एमआरआई की सिफारिश कर सकते है। 

ध्यान रहें अगर आपको स्पाइन लम्बर करवाना है, तो इसके लिए आप लुधियाना में बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट का चयन करें।

स्पाइन लम्बर स्कैन को क्यों कराया जाता है ?

  • पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द अगर हो तो आप इस स्कैन का चयन कर सकते है। 
  • रीढ़ की हड्डी के निचले भाग में चोट लगने पर। 
  • मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में कैंसर के लक्षण का पता लगाने पर। 
  • रीढ़ की हड्डी में जन्म से कोई समस्या होने पर। 
  • पैरों के सुन्न पड़ने पर। 
  • पीठ के निचले हिस्से में सर्जरी होने पर।

सुझाव :

अगर आप पीठ या रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको स्पाइन लम्बर स्कैन को जरूर करवाना चाहिए, वहीं आप चाहें तो इस स्कैन को कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल से भी करवा सकते है।

भारत में क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन की लागत व पूरी प्रक्रिया ?

कई बार व्यक्ति को कुछ ऐसी बीमारियां हो जाती है कि उसे पता ही नहीं चलता है की वो किस तरह की बीमारी का सामना कर रहा है पर ऐसे में एमआरआई (MRI) स्कैन एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है अंदरूनी बीमारी को जानने में तो अगर आप भी किसी तरह की बीमारी का सामना कर रहे और वो बीमारी आपको काफी परेशान कर रही है तो उससे निजात पाने के लिए आपको एमआरआई स्कैन का चयन करना चाहिए ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि “मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग” एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। वहीं यह एक्स-रे (विकिरण) का उपयोग नहीं करता है।
  • दूसरी और अधिकांश एमआरआई मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की चुम्बक होती हैं। वही जब आप MRI मशीन के अंदर लेटते हैं, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: बनाता है।

 एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने से क्या पता चलता है ?

  • मस्तिष्क, रीढ़, जोड़ों, हृदय, लीवर, और कई अन्य अंग जैसे शरीर के कोमल-ऊतक संरचनाओं की एमआरआई (MRI) चित्रों के द्वारा ज्यादा सटीक रूप से पहचाना जा सकता है। कैंसर, हृदय की बीमारी, मांसपेशियों और हड्डियों की बीमारियों, और कई अन्य बीमारियों का डायग्नोसिस एमआरआई स्कैन से किया जाता है।

 एमआरआई (MRI) स्कैन का उपयोग कहां किया जाता है ?

  • मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की असामान्यताएं को जानने के लिए।
  • शरीर के विभिन्न भागों में द्रव्यमान, ट्यूमर, अल्सर और अन्य विसंगतियों की उपस्थिति को जानना।
  • पेट में हृदय, यकृत और अन्य अंगों से संबंधित स्थितियों को जानना।
  • फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस जैसी महिलाओं में पेल्विक दर्द से संबंधित स्थितियों को जानना।
  • बांझपन के मामले में महिलाओं में संदिग्ध मूत्र असामान्यताओं का मूल्यांकन करना।

आप एमआरआई से भी इन परेशानियों की जाँच करवा सकती है या आप लुधियाना में CT स्कैन का खर्च कितना आएगा, इसके बारे में जान के भी इसकी जाँच सीटी स्कैन से करवा सकते है।

एमआरआई (MRI) स्कैन को करवाने में खर्चा कितना आता है ?

  • सिटी स्कैन, एमआरआई की जांच के लिए मरीज से 500 से लेकर 8 हजार या उससे ज्यादा की फीस ली जाती है। हालांकि ये टेस्ट अभी कॉन्ट्रैक्ट बेस पर मशीनें लगाकर करवाई जा रही है।
  • इसके अलावा मरीज़ के अंगों पर भी इसका खर्चा निर्भर करता है की वो शरीर के किस अंग की जाँच करवाने जा रहा है। वही लुधियाना में MRI का खर्च जगह और हॉस्पिटल कहाँ स्थित है इस पर भी पड़ता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने के लिए बेस्ट हॉस्पिटल व सेंटर ?

  • अगर आपको अपने शरीर के अंधरुनि अंगों की जाँच अच्छे से करवानी है तो इसके लिए आप हमारे  डायग्नोस्टिक्स सेंटर का चयन कर सकती है।

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन की प्रक्रिया ?

  • रोगी को स्कैन के दौरान अस्पताल का गाउन पहनने की आवश्यकता होती है। साथ ही, स्कैन के दौरान आभूषण या धातु पहनने की अनुमति नहीं है।
  • एमआरआई स्कैन एक गैर-इनवेसिव और दर्द रहित प्रक्रिया है। और अवधि स्कैन किए जा रहे शरीर के हिस्से के आकार और कितनी छवियों को लेने की आवश्यकता के आधार पर 15 मिनट से एक घंटे या उससे अधिक तक समय लग सकता है।

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है की आपको पता चल गया होगा की आपको कब और किस समय एमआरआई (MRI) स्कैन करवाना चाहिए।

जानिए चेहरे का मेकअप कैसे MRI रिपोर्ट में लेकर आया कैंसर की समस्या को !

MRI जिसको हमारे शरीर के जाँच के लिए एक बहुत ही बढ़िया मशीन माना जाता है, इसकी मदद से आपके शरीर का अच्छे से जाँच किया जाता है। पर क्या आप जानते है की अगर आप इस जाँच को मेकअप लगा कर करवाने जाते है तो इसकी रिपोर्ट गलत भी आ जाती है, वहीं कुछ मामलों में तो मेकअप के बाद MRI को करवाने से कैंसर जैसे मामले भी सुनने को मिले है, तो चलिए जानते है की आपको MRI के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि जाँच के बाद आपकी रिपोर्ट गलत न आए ;

क्या है MRI जाँच ?

  • चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि (मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग) एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। वहीं यह मशीन एक्स-रे का उपयोग नहीं करता है।
  • अधिकांश मामलों में हमने देखा है की एमआरआई मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की चुम्बक होती है। जब आप MRI मशीन के अंदर लेटते है, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: संरेखित करने लगते है। 
  • इसके अलावा रेडियो तरंगें इन संरेखित परमाणुओं को बेहोश सिग्नल उत्पन्न करने का कारण बनती है, जिनका उपयोग क्रॉस-अनुभागीय एमआरआई छवियों को बनाने के लिए किया जाता है।

जानिए क्या है ओपन और कंट्रास्ट वाला एमआरआई (MRI) ?

  • ओपन MRI की बात करें तो ये एक खुला एमआरआई मशीन के प्रकार को संदर्भित करता है जो छवियों को लेता है। आम तौर पर, एक खुली एमआरआई मशीन में आपके ऊपर और नीचे दो फ्लैट मैग्नेट होते है, जिनके बीच में आपको लेटने के लिए एक बड़ी जगह होती है। यह दो तरफ खुली जगह की अनुमति देता है और क्लॉस्ट्रोफोबिया (claustrophobia) को कम करता है। 
  • फिर बात करें कंट्रास्ट MRI की जो कुछ एमआरआई परीक्षाएं कंट्रास्ट सामग्री के इंजेक्शन का उपयोग करती है। कंट्रास्ट एजेंट में गैडोलीनियम होता है, जो एक दुर्लभ पृथ्वी धातु है। और जब यह पदार्थ आपके शरीर में मौजूद होता है, तो यह आस-पास के पानी के अणुओं के चुंबकीय गुणों को बदल देता है, जिससे छवियों की गुणवत्ता बढ़ जाती है।

इन दोनों में से किसी भी MRI का चयन करने से पहले लुधियाना में MRI का खर्च कितना है, इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।

एमआरआई (MRI) जाँच से क्या पता चलता है ?

  • आपके मस्तिष्क और आसपास के तंत्रिका ऊतक का पता चलना।
  • आपकी छाती और पेट के अंग, जिसमें आपका हृदय, लीवर, पित्त पथ, गुर्दे, प्लीहा, आंत्र, अग्न्याशय और अधिवृक्क ग्रंथियां नज़र आती है।
  • स्तन के ऊतक का भी पता चलता है।
  • आपके रीढ़ की हड्डी में लगें चोट का भी इसके द्वारा पता चलता है।
  • आपके मूत्राशय और प्रजनन अंगों सहित श्रोणि अंग में विकार के बारे में भी इस टेस्ट के माध्यम से जानकारी आपको हासिल हो सकती है।
  • रक्त वाहिकाओं में परेशानी हो तो उसके बारे में भी इस टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जा सकता है।
  • लसीकापर्व (प्रतिरक्षा प्रणाली के भाग) की भी जाँच की जा सकती है MRI की मदद से।

MRI जाँच से सही बीमारी का पता तभी लगाया जा सकता है, जब आप इस जाँच को लुधियाना में बेस्ट रेडिओलॉजिस्ट से करवाते है।

क्या MRI जाँच का चयन करने से व्यक्ति कैंसर की बीमारी से ग्रस्त हो जाता है ?

  • आपको बता दें कि एमआरआई एक दर्दरहित प्रोसिजर होता है, जिसमें 15 से 90 मिनट तक का समय आराम से लग जाता है। वहीं इस टेक्नॉलजी में शक्तिशाली चुंबकों, रेडियो वेव और एक कम्प्यूटर का इस्तेमाल होता है, जिससे शरीर के अंदर की पूरी जांच की जाती है। इसकी मदद से डॉक्टर घाव, रक्त की नसों में डैमेज, कैंसर या फिर दिल की बीमारियों का भी पता लगा सकते है।
  • जहां एक ओर डॉक्टर और लैब असिस्टेंट एमआरआई स्कैन से पहले मरीज के शरीर से मेटल हटाने के लिए कहते है, वहीं कभी-कभी वह चेहरे के मेकअप को नजरअंदाज कर देते है, जिसमें धातु तत्व होते है। जिस वजह से ही जांच रिपोर्ट गलत आ जाती है।
  • इसलिए जरूरी है की अगर आप MRI की जाँच करवाने जा रहें है तो ध्यान रहें की आपके शरीर में मेटल की कोई भी चीज न हो और न ही आपके चेहरे पर मेकअप लगा होना चाहिए। 
  • तो MRI से जाँच की रिपोर्ट कभी गलत नहीं आती, बस कुछ हमारे द्वारा और कुछ डॉक्टरों के द्वारा बातें ध्यान न होने की वजह से इसकी रिपोर्ट गलत आ जाती है। और घबराए न MRI की जाँच को करवा कर आप कैंसर पीड़ित नहीं हो सकते।

सुझाव :

एमआरआई (MRI) एक बहुत ही सुरक्षित और दर्द रहित जाँच है, जिसको करवाने से आप कैंसर पीड़ित नहीं होते, बल्कि ये आपके शरीर की समस्या के बारे में जाँच करते है और आपकी बीमारी को खुल कर सबके सामने लाते है।

वहीं अगर आप MRI की जाँच को सुरक्षित तरीके से करवाना चाहते है, तो इसके लिए आप कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन कर सकते है। 

निष्कर्ष :

MRI जाँच एक बहुत ही बेहतरीन जाँच प्रक्रिया है, जिसको करवा कर आप अपने शरीर में उत्पन्न हुई बीमारी का जड़ से खात्मा करने में काफी सहायक साबित होते है। इसके अलावा अफवाओं पर यकीन न करें की इस जाँच का चयन करने से व्यक्ति की समस्या और बढ़ सकती है, बल्कि इससे जुडी किसी भी तरह की समस्या का आपको सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको अनुभवी रेडिओलॉजिस्ट डॉक्टर के पास आना चाहिए।

जानिए एमआरआई (MRI) से हम कैसे स्तन कैंसर का पता लगा सकते है ?

एमआरआई (MRI) स्कैन एक ऐसे स्कैन की पद्यति में गिना जाता है, जिसकी मदद से हर बीमारी का पता आसानी से लगाया जा सकता है। इसलिए तक़रीबन डॉक्टरों के द्वारा भी तरह की अंधरुनि समस्या होने पर इस स्कैन का चयन करने के लिए कहा जाता है। वहीं आज के लेख में जानेगे की हम कैसे स्कैन के माध्यम से स्तन कैंसर का पता लगा सकते है ;

महिलाओं में क्या है स्तन या ब्रेस्ट का कैंसर ?

  • महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर जिम्मेदार माना जाता है। ऐसे में अगर समय रहते या समय से पहले इस बीमारी की पहचान हो जाए तो होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। 
  • वहीं काफी अनुसंधानकर्ताओं के द्वारा ये पता चला है की मरीजों के ब्रेस्ट में हेल्दी सेल्स यानी कोशिकाओं की तुलना कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं और गैर कैंसरकारी कोशिकाओं से की जाती है।
  • स्तन कैंसर, महिलाओं के स्तनों के अंदर विकसित होने वाला एक तरह का कैंसर है। जो आमतौर पर महिलाओं में आम है, लेकिन आजकल यह पुरुषों में भी हो सकता है। यह ज्यादातर मामलों में एक या एक से अधिक गांठों के रूप में भी शुरू होता है, जिसे स्तनों के अंदर महसूस किया जाता है। वहीं यह गांठें स्तन के ऊपरी या नीचे के हिस्सों में पाया जाता है।

एमआरआई (MRI) की मदद से महिलाओं के स्तन कैंसर का पता कैसे लगा सकते है ?

  • कैंसर एक घातक बीमारी है और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर या अन्य समस्याएं होना भी आजकल बहुत सामान्य होते जा रहा है। ब्रेस्ट कैंसर और ऐसे अन्य गंभीर रोगों का पता लगाने के लिए ब्रेस्ट का एमआरआई करवाया जाता है। इस स्कैन टेस्ट में कैंसर की पूरी स्थित यानी कौन-से स्टेज का कैंसर है ये पता चल जाता है। 
  • हम ये भी कह सकते है कि इस टेस्ट का प्रयोग उन महिलाओं में जिनमे कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक होती है उनकी स्क्रीनिंग टूल के रूप में किया जाता है। ब्रेस्ट एमआरआई स्कैन में डॉक्टर को रोगी की ब्रेस्ट टिश्यू की साफ तस्वीर मिलती है, जिससे वो महिला में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में अधिक सही से जान पाते है। 
  • ब्रेस्ट एमआरआई डॉक्टर को कैंसर के आकार और कैंसर कितना फैल चुका है, इन सब चीजों को माप कर कैंसर के चरण को निर्धारित करने में भी मदद मिलती है। 
  • ब्रेस्ट एमआरआई में किसी भी तरह की आयनीकृत रेडिएशंस का प्रयोग नहीं होता। डॉक्टर इनका प्रयोग महिलाओं में स्तन के ऊतकों का प्रशिक्षण करने के लिए करते है। जिनमें कैंसर का खतरा अधिक है उनमें इस बीमारी के शुरूआती लक्षण दिखाई देने लगते है। 
  • कैंसर चाहे किसी को भी हो सब में कुछ न कुछ लक्षण दिखाई जरूर देते है। इसलिए जरूरी है उन लक्षणों के नजर आते ही डॉक्टर से मिले। और स्तन कैंसर को अंदेखा न करें।
  • स्तन कैंसर का रिजल्ट बेहतर आए इसके लिए जरूरी है की सबसे पहले आप इस बीमारी की जाँच को लुधियाना में बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट से जरूर करवाए।

स्तन कैंसर का चयन किन स्थितियों में किया जाता है ? 

  • कैंसर के निदान के बाद स्तनों में अतिरिक्त ट्यूमर या हानिकारक टिश्यू को खोजने के लिए।
  • 25 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में स्तन ऊतक का पता लगाने के लिए।
  • हैवी टिश्यू की जांच करने के लिए।
  • मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड जैसे अन्य इमेजिंग परीक्षणों के परिणामों की पुष्टि करने के लिए।
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन के ऊतकों का आकलन करना।
  • कीमोथिरेपी की प्रभावशीलता की जांच के लिए।
  • उन महिलाओं की जांच के लिए जिनकी पुनर्निर्माण सर्जरी हुई हो।
  • अधिकांश महिलाएं नियमित स्कैन के रूप में ब्रेस्ट एमआरआई से नहीं गुजरती है। जिन लोगों को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। उन लोगों के लिए डॉक्टर ब्रेस्ट एमआरआई के साथ एक मैमोग्राम को शुरुआती जांच उपकरण के रूप में जोड़ सकते है। 
  • स्तन कैंसर का एमआरआई करवाने से पहले लुधियाना में MRI का खर्च कितना है, इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।

महिलाओं में स्तन कैंसर के क्या लक्षण है ?

  • स्तन या बाँह के नीचे गांठ या मोटापन जैसी समस्या का सामना करना। 
  • स्तन के आकार या आकृति में बदलाव का आना। 
  • स्तन की त्वचा में ढीलेपन या सिकुडेपन जैसी समस्या का सामना करना। 
  • स्तन नलिका से अधिक स्तन दूध के अलावा कुछ और निकलना। 
  • कंधे के नीचे गांठ जैसी सूजन का महसूस होना।
  • अगर आपको भी ऐसा महसूस हो या आपमें भी उपरोक्त लक्षण नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहें लक्षणों को कृपया नज़रअंदाज़ न करें।

सारांश :

इसके अलावा स्तन कैंसर में एमआरआई (MRI) क्या भूमिका निभाते है या ये कैसे महिलाओं के कैंसर को बाहर निकालने में मददगार साबित होते है, इसके बारे में हम इस छोटे से लेख में चर्चा कर चुके है। वहीं एमआरआई स्तन कैंसर ही नहीं बल्कि हर अंधरुनि बीमारी का पता करने में सहायक साबित होते है।

कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के रोगों को जानने के लिए एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे है सहायक ?

एमआरआई (MRI) स्कैन जिससे एक नहीं बल्कि कई सारी बीमारियों का पता चलता है, वहीं अक्सर व्यक्ति में किसी भी तरह की बीमारी अगर नज़र आए तो सबसे पहले डॉक्टर के द्वारा सलाह दी जाती है व्यक्ति को की वो अपना एमआरआई स्कैन करवाए, वहीं आज के लेख में चर्चा का विषय ये है की कैंसर के दौरान व्यक्ति कैसे अपना एमआरआई (MRI) स्कैन करवाकर खुद को बचा सकता है ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • एमआरआई जिसे ‘मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग’ जांच के रूप में जाना जाता है। 
  • वहीं इसमें शरीर के अंदर की उच्च गुणवत्ता वाली, विस्तृत तस्वीरें बनाने के लिए एक बड़े चुंबक, रेडियो तरंगों और कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। 
  • एमआरआई जांच में दर्द नहीं होता, जिसके चलते इस टेस्ट को कोई भी करवा सकता है। 
  • इसके अलावा एमआरआई स्कैन डॉक्टरों के लिए काफी मददगार साबित होते है, क्युकि इस टेस्ट की मदद से उनको बीमारी का अच्छे से पता चलता है. और बीमारी का अच्छे से पता होने के कारण व्यक्ति का इलाज भी अच्छी तरीके से किया जाता है। 
  • अगर आपको भी अपनी बीमारी का अच्छे से पता लगाना है तो इसके लिए आपको लुधियाना में बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने के दौरान क्या दिखाई देता है ?

  • एक एमआरआई स्कैन आपके अंदर के अंगों की क्रॉस-सेक्शन छवियों को उत्पन्न करता है। 
  • दूसरी ओर, एमआरआई विकिरण के बजाय शक्तिशाली चुम्बकों के साथ चित्र बनाता है। 
  • एक एमआरआई स्कैन आपके शरीर के क्रॉस-सेक्शनल दृश्य को विभिन्न कोणों से एकत्र करता है जैसे कि आपके शरीर के एक टुकड़े को सामने, बगल या आपके सिर के ऊपर से देख रहा हो। 
  • एमआरआई शरीर के नरम ऊतक क्षेत्रों की छवियां उत्पन्न करता है जिन्हें पारंपरिक इमेजिंग तकनीकों के साथ देखना मुश्किल होता है। एमआरआई का उपयोग करके कुछ ट्यूमर पाए जा सकते है और उनका पता लगाया जा सकता है। 
  • मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में विकृतियों का पता लगाने के लिए कंट्रास्ट डाई वाला एमआरआई सबसे प्रभावी तकनीक है। 
  • एमआरआई से डॉक्टर कभी-कभी पता लगा सकते है कि व्यक्ति को ट्यूमर कैंसर है या नहीं। 
  • एक चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन का उपयोग इस बात के प्रमाण की जांच के लिए भी किया जा सकता है कि कैंसर शरीर के किसी अन्य क्षेत्र से उत्पन्न हुआ है या नहीं।
  • एमआरआई स्कैन सर्जरी या विकिरण चिकित्सा जैसे उपचारों की योजना बनाने में डॉक्टरों की काफी मदद करते है।
  • वहीं स्तन के आंतरिक भाग की जांच के लिए एक विशेष प्रकार के एमआरआई का उपयोग किया जा सकता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन में कितना समय लगता है ?

सामान्य एमआरआई स्कैन में 20 से 90 मिनट का समय लगता है, बाकि यह शरीर के जांच वाले अंग पर निर्भर करता है। 

एमआरआई (MRI) स्कैन की जाँच करवाने से पहले एक बार लुधियाना में MRI का खर्च कितना है उसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।

एमआरआई (MRI) स्कैन की जटिलताएं क्या है ? 

  • मतली की समस्या। 
  • सुई स्थल पर दर्द का होना। 
  • एक सिरदर्द जो परीक्षण समाप्त होने के कुछ घंटों बाद दोबारा विकसित होता है। 
  • रक्तचाप के कारण हल्कापन या बेहोशी का महसूस होना आदि।

एमआरआई (MRI) स्कैन से जुडी और किन बातों का पता होना चाहिए !

  • एमआरआई में काफी खर्च हो सकता है, इसलिए जरूरी है की आपके पास आपका स्वास्थ्य बीमा जरूर होना चाहिए।
  • अधिक वजन वाले लोगों को एमआरआई मशीन में फिट होने में परेशानी हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान एमआरआई के उपयोग का अच्छी तरह से अध्ययन नहीं किया जाता है। एमआरआई आमतौर पर गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में नहीं किया जाता है जब तक कि इसका उपयोग करने के लिए कोई मजबूत चिकित्सा कारण न हो।
  • परीक्षा कक्ष में क्रेडिट कार्ड या चुंबकीय स्कैनिंग स्ट्रिप्स के साथ अन्य सामान न लाएं।
  • एमआरआई आपको विकिरण के संपर्क में नहीं लाता है।

एमआरआई (MRI) जाँच के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप अगर एमआरआई (MRI) की जाँच को करवाना चाहते है वो भी किफायती दाम में तो इसके लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए, क्युकि यहाँ पर मरीजों की जाँच काफी अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा की जाती है।

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन व इससे जुडी संबंधित जानकारी ?

एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे हमारे शरीर के आंतरिक अंगों की जाँच के लिए बेहतर माना जाता है, और इसकी जरूरत व्यक्ति को कब पड़ती है, इसका चयन किन्हें करना चाहिए जैसे तमाम एमआरआई से जुड़े प्रश्नों का उत्तर हम आज के लेख में प्रस्तुत करेंगे ;

एमआरआई (MRI) स्कैन की जरूरत कब पड़ती है ? 

  • जब हमें जोड़ों और हड्डियों से सम्बंधित बीमारियों का डायग्नोसिस कराने की जरूरत पड़े।
  • हृदय से सम्बंधित बीमारियों की पहचान करने के लिए।
  • ब्रेस्ट कैंसर के खतरे का पता लगाने के लिए।
  • रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की समस्याओं का पता लगाने के लिए।
  • गर्भ और लिवर कैंसर का डायग्नोसिस करने के लिए।
  • इनफर्टिलिटी का इलाज करवा रही महिलाओं में गर्भाशय की असामान्यताओं का पता लगाने के लिए।
  • महिलाओं में पैल्विक दर्द के कारणों का मूल्यांकन करने के लिए, जिसमें एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड शामिल होता हैं

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। यह एक्स-रे (विकिरण) का उपयोग नहीं करता है।
  • अधिकांश एमआरआई मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की चुम्बक होती है। वहीं जब आप MRI मशीन के अंदर लेटते है, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: संरेखित करता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन होने के दौरान क्या होता है !

  • इस स्कैन के दौरान आपके शरीर के जिस हिस्से का स्कैन होना होता है उस हिसाब से आपको लेटाया जाता है। अर्थात यह निर्णय किया जाता है कि आपके पैर आगे होने है या आपका सिर।
  • एमआरआई स्कैनर एक रेडियोग्राफर की मदद से काम करता है जोकि तस्वीरों को बाहर निकालता है। इसे एक कंप्यूटर की सहायता से ऑपरेट किया जाता है और इसे दूसरे कमरे में रखा जाता है ताकि वह स्कैनर में लगे मैग्नेट के सम्पर्क में न आ पाए।
  • आप एक इंटरकॉम के माध्यम से रेडियोग्राफर से बात भी कर सकते है और वह स्कैन करने के दौरान आपको मॉनिटर पर देख भी सकते है।
  • स्कैन के दौरान स्कैनर जोर-जोर से आवाजें भी निकालता है। यह स्कैनर के अंदर इलेक्ट्रिक करंट होता है जो बार-बार ऑन व ऑफ किया जाता है। आपको हेड फोन भी पहनने को दिए जाते हैं।
  • आपको पूरी स्कैन के दौरान एक ही अवस्था में रहना होता है। यह स्कैन आपके शरीर के स्कैन होने वाले भाग के आधार पर 15 से 90 मिनट लंबा चल सकता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन के दौरान कौन-सी तैयारियां करें ! 

  • अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर आपको एक गाउन चेंज करने को बोल सकते है, क्योंकि यह आवश्यक होता है ताकि  स्कैनर के अंदर जाने से पहले आपके शरीर में कोई भी मेटल की वस्तु न पहनी हुई हो। इसलिए डॉक्टर आपको आपके गहने व सभी मेटल की चीजें जो आपने पहनी हुई हैं को निकालने के लिए बोलते है।
  • यदि किसी व्यक्ति के अंदर किसी प्रकार का मेटल है जैसे कोई बुलेट या मेटैलिक तो यह स्कैन नहीं हो सकता, वहीं आपके किसी ऑर्गन की विजिबिलिटी को बढ़ाने के लिए डॉक्टर्स आपको इंजेक्शन भी दे सकते है।

एमआरआई (MRI) स्कैन की तैयारियों का चयन करने से पहले एक बार लुधियाना में MRI का खर्च कितना आता है इसके बारे में जरूर जनकारी हासिल करें।

एमआरआई (MRI) स्कैन का कोई नुकसान भी है ?

वैसे तो किसी मरीज पर एमआरआई स्कैन का कोई नुकसान या कोई साइड इफेक्ट कम देखने को मिलता है। लेकिन फिर भी कंट्रास्ट डाई के कारण आपका जी घबरा सकता है, आपके सिर में दर्द हो सकता है और कुछ लोगों को तो जलन या इंफेक्शन भी हो जाता है। इसके कारण एलर्जी भी हो जाती है। इससे आंखों में भी कभी कभार खुजली हो जाती है। यदि आपको इस प्रकार का कोई साइड इफेक्ट देखने को मिलता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

एमआरआई (MRI) स्कैन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

एमआरआई का चयन अगर आप अपने शरीर की समस्याओं का पता लगाने के लिए करना चाहते है तो इसके लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

एमआरआई जांच के बाद अपनी बीमारी का इलाज अच्छे से करवाए ताकि आपके शरीर में किसी भी तरह की परेशानी न आ सकें। और साथ ही जाँच से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए आर्टिकल को जरूर से पढ़े।

जानिए कैसे MRI और CT Scan के बीच के अंतर को समझना है जरूरी ?

MRI और CT Scan जोकि दोनों ही आपके शरीर के अंधरुनि बीमारियों की अच्छे से जाँच करने में काफी सहायक है। पर आज भी बहुत से ऐसे लोग है जिन्हे इन दोनों के बीच के अंतर को समझने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो अगर आपकी परेशानी भी इन दोनों के बीच के अंतर को समझने की है तो इसके लिए आपको आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहना है ;

 

MRI और CT Scan के बीच क्या अंतर है ?

  • एमआरआई मशीन जोकि हमारे शरीर के भीतर की तस्वीरें लेता है और किसी भी प्रकार की समस्या होगी उसको उजागर करता है। 
  • ठीक इसी तरह, सीटी स्कैन मशीन भी हमारे शरीर के अंदर की तस्वीरें लेता है और समस्याओं का खुलासा करता है।  
  • वहीं MRI मशीन से CT Scan नहीं किया जा सकता है और न ही CT Scan मशीन से MRI किया जा सकता है, क्युकी MRI मशीन रेडियो तरंगों के जरिए काम करती है, तो वहीं CT Scan मशीन एक्स-रे के जरिए काम करती है। 
  • बात करें इन दोनों मशीनों की तो इन्हे किसी विशेष जांच के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है, जैसे MRI मशीन मुख्यतः जोड़ों, दिमाग, कलाई, टखने, छाती, हृदय, रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। 
  • वहीं, CT Scan मशीन से टूटी हड्डियों, ट्यूमर, कैंसर, इंटरनल ब्लीडिंग, संक्रमण आदि का पता लगाया जाता है।

 

MRI और CT Scan का खर्चा कितना आता है ?

  • वैसे ज्यादातर मामले में लोग MRI की जगह CT Scan को करवाना सही समझते है, क्युकी MRI स्कैन का खर्चा ज्यादा है। 
  • लुधियाना में MRI का खर्च कंट्रास्ट के साथ या सादे में करवाने पर आपको 14,300 रुपये खर्चने पड़ सकते है। 
  • वहीं अगर आप स्तन का एमआरआई स्कैन करवाते है, तो इसके लिए आपको 10,725 रुपये खर्चने पड़ सकते है। 
  • ऐसे ही MRI की जाँच शरीर के विभिन्न अंगो के हिसाब से अलग-अलग है। 
  • वही बात करें सीटी स्कैन की तो इसकी लागत भी स्कैन किए जा रहे शरीर के अंग के अनुसार अलग-अलग होती है, जैसे कंट्रास्ट सीटी स्कैन की लागत मानक सीटी स्कैन से अधिक होती है। 
  • वहीं लुधियाना में CT स्कैन का खर्च 2,500 से लेकर 5,000 रूपए तक है।

 

क्या MRI और CT Scan की मशीनें खतरनाक हो सकती है ?

  • दरअसल MRI मशीनों में ताकतवर चुंबकीय शक्ति होती है, ऐसे में जैसी ही धातु की कोई चीज इसके संपर्क में आती है तो यह हलचल पैदा कर सकती है. इसलिए एमआरआई से पहले मरीज के सभी प्रकार के जेवर, कड़े आदि निकलवा दिए जाते है। 
  • वहीं सीटी स्कैन गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिमभरा हो सकता है, क्योंकि ये गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। तो कुछ मामलों में डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह देते है। लेकिन जरूरी है की इन दोनों टेस्टों का चयन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

MRI और CT Scan को करवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें !

  • अगर CT स्कैन की बात करें तो अगर इससे आप जांच करवाने का सोच रहें है, तो इसके लिए अगर सुबह 8 से 9 बजे के बीच आपकी जाँच होनी है, तो रात में 12 बजे के बाद कुछ न खाएं।
  • सूती कपडे पहने।
  • अगर डायबीटीज के मरीज है, तो शुगर 100 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • कपड़ों में मेटल बिल्कुल न लगा हों। 
  • वहीं MRI स्कैन के लिए आपको मेटल से बनी कोई भी वस्तु जैसे घड़ी, जूलरी, यहां तक कि मंगलसूत्र भी उतारकर जांच के लिए जाना चाहिए।
  • मेटल के बने हुए नकली दांत और विग भी उतार देना चाहिए, क्योंकि इनमें भी धातु के कुछ टुकड़े होते हैं।
  • सुनने की मशीन, हेयर पिन भी निकाल दें।
  • कोई भी ऐसी चीज न पहने जिसमे मेटल वायर का उपयोग होता है।
  • चश्मा, बेल्ट, पर्स, सिक्के, जूते, चप्पल तो मशीन के अंदर पहनकर बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। 

MRI और CT स्कैन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप MRI और CT स्कैन से अपनी जाँच करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। 

सारांश :

आप अपने शरीर में आए किसी भी तरह के दिक्तत को MRI और CT स्कैन की मदद से जान सकते है, बस इसमें आपको एक बात का खास ध्यान रखना है की इसके जोखिम कारकों को नज़रअंदाज़ नहीं करना है और इस स्कैन का चयन करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें खास कर गर्भवती महिलाएं।

एमआरआई (MRI) स्कैन की क्या है लागत और इसको कैसे, कब और क्यों किया जाता है ?

एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे एक व्यक्ति की बीमारी का खुल के विश्लेषण करने के बाद उसकी बीमारी को चित्रों के माध्यम से सामने प्रस्तुत करते है, तो आइये जानते है की एमआरआई (MRI) स्कैन की लागत क्या है तो इसका चयन व्यक्ति को कब और किस स्थिति में करना चाहिए ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • एमआरआई (MRI) का मतलब चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग है। यह शरीर में कई प्रकार की बिमारियों के बारे में पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 
  • एमआरआई मशीन एक चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों से मानव शरीर में पानी के अणुओं के साथ इंटरैक्ट करता है ओर आखिर में एमआरआई मशीन अंगों की विस्तृत तस्वीरें बनाती है। 
  • शरीर में जिस हिस्से में पानी शामिल नहीं है जैसे दांत और हड्डियां, वहां एमआरआई स्कैन से कुछ दिखाई नहीं देता। 
  • एमआरआई स्कैन में किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता। चुंबकीय किरण सुरक्षित मानी जाती है और इसलिए एमआरआई स्कैन एक सुरक्षित प्रक्रिया है।

एमआरआई (MRI) स्कैन क्यों किया जाता है ?

  • ह्रदय संबंधी बीमारी के बारे में जानने के लिए। 
  • ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए। 
  • रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क कैंसर का पता लगाने के लिए। 
  • गर्भ और लिवर कैंसर का पता लगाने के लिए। 
  • शरीर के विभिन भागों में अल्सर, ट्यूमर या अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए। 
  • कंधे, घुटने या टखने की हड्डियों का एमआरआई स्कैन। 
  • रीढ़ की हड्डी का एमआरआई स्कैन आदि।

एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने से पहले व्यक्ति को किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है !

  • इस प्रक्रिया में सबसे पहले एक बड़ी गोलाकार जगह होती है, जिसमे व्यक्ति को एक टेबल पर लेटाकर मशीन के अंदर भेजा जाता है।
  • फिर मरीज़ से पर्स, बटुआ, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या चिप के साथ किसी भी अन्य कार्ड को ले लिया जाता है। 
  • मोबाइल फोन या कोई भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। 
  • आभूषण या घड़ी। 
  • सिक्के जा अन्य धातु आइटम को मशीन के अंदर जाने से पहले ही निकलवा लिया जाता है।
  • इसके अलावा शरीर में कोई धातु की रॉड या प्लेट अगर पड़ी है, तो भी खतरा हो सकता है इस स्कैन का। 
  • संयुक्त प्रतिस्थापन या कृत्रिम अंग भी खतरा है। 
  • कभी-कभी श्रृंगार और नेल पॉलिश आदि में धातु हो सकती है, इसलिए जरूरी है की एमआरआई स्कैन से पहले इसे हटा लें। 
  • दांत का भराव छवियों को विकृत कर सकता है और इसलिए रेडियोलाजिस्ट के साथ चर्चा करने के बाद ही इस स्कैन का चयन करें।

एमआरआई (MRI) स्कैन का चयन किन्हें नहीं करना चाहिए !

  • जिन लोगों के शरीर में किसी भी तरह की धातु है उन्हें इस स्कैन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 
  • जो महिलाएं गर्भवती या स्तनपान करा रही है, उन्हें भी इस स्कैन से बचना चाहिए। हालांकि कुछ डॉक्टरों का कहना है की, एमआरआई स्कैन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन ध्यान रखें आम तौर पर स्कैन गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में नहीं किया जाता है। वहीं इस स्कैन का चयन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

भारत में एमआरआई (MRI) स्कैन की लागत क्या है ?

  • भारत या फिर लुधियाना में MRI का खर्च औसतन, 1500 से 25,000 भारतीय रूपए के हिसाब से है।
  • वहीं इसकी लागत निर्भर करती है की आप इस टेस्ट को कहा से करवा रहें है और शरीर के किस अंग का टेस्ट आपके द्वारा करवाया जा रहा है। 
  • अगर आपके द्वारा MRI स्कैन पूरे शरीर का करवाया जाता है तो इसका खर्चा 7000 से लेकर 15,000 तक का भी आ सकता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप वाजिफ दाम में एमआरआई (MRI) स्कैन को कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

सुझाव :

यदि आपको अपने शरीर में अंदरूनी बीमारी काफी दिनों से महसूस हो रहीं है, तो इससे बचाव के लिए आपको समय रहते एमआरआई (MRI) स्कैन का चयन कर लेना चाहिए। 

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है की आपको इस छोटे से आर्टिकल के माध्यम से पता चल गया होगा की क्या है, एमआरआई (MRI) स्कैन और इसकी सम्पूर्ण जानकारी।

एमआरआई (MRI) के दौरान छोटी सी लापरवाही कैसे पड़ सकती है जान पर भारी ?

एमआरआई (MRI) का मतलब है मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन है, जिसमे आम तौर पर 15 से 90 मिनट तक लगते है, शरीर का पूरा परीक्षण होने में। वहीं जहा ये मशीन मदद करती है शरीर की समस्याओं को खुल कर सामने लाने में, वहीं जरा सी लापरवाही ये मशीन बीमारी के साथ व्यक्ति का भी खात्मा कर सकती है। तो आइये जानते है की ये मशीन क्या है और इसमें बरती गई लापरवाही कैसे पड़ सकती है हमारे जान पर भारी ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • MRI का मतलब है, मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन, जिसमें आम तौर पर 15 से 90 मिनट तक का समय लगता है, वहीं ये समय इस बात पर भी निर्भर करता है कि शरीर का कौन-सा, कितना बड़ा हिस्सा स्कैन किया जाना है, कितनी तस्वीरें ली जानी है। 

  • ये मशीन रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता है, इसलिए ये एक्स रे और सीटी स्कैन से बिलकुल अलग है। 

  • वहीं अनुभवी डॉक्टरों का कहना है की पूरे शरीर में जहां-जहां हाइड्रोजन होता है, उसके स्पिन यानी घूमने से एक इमेज तैयार होती है। 

  • शरीर में 70 फीसदी पानी होता है ये तो सबको पता है, इसलिए हाइड्रोजन स्पिन के ज़रिए बने इमेज से शरीर की काफी दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है। 

  • दिमाग, घुटने, रीढ़ की हड्डी जैसे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जहां कहीं भी सॉफ्ट टिशू होते है, उनका अगर एमआरआई स्कैन होता है। 

अगर आप अपने शरीर का एमआरआई (MRI) स्कैन अच्छे से करवाना चाहते है, तो इसके लिए आप बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन जरूर से करें।

एमआरआई (MRI) मशीन कितनी तरह की होती है?

  • एमआरआई की मशीन तीन तरह की होती है – 1 टेस्ला, 1.5 टेस्ला और 3 टेस्ला। टेस्ला वो यूनिट है जिसमें मशीन की क्षमता को मापा जाता है। 

  • 3 टेस्ला यूनिट की क्षमता वाली एमआरआई मशीन लोहे की पूरी अलमारी को अपनी ओर खींचने की ताकत को बरकरार रखती है।

  • यानी मशीन जितनी ज्यादा टेस्ला वाली होगी, उतना ही ज्यादा उसका मैगनेटिक फील्ड होगा। 

  • कुछ डॉक्टरों के मुताबिक सोना चांदी पहन कर एमआरआई स्कैन कराया जा सकता है। क्युकि सोने में लोहा नहीं होता है, लेकिन चांदी को पहनने से रोका जाता है क्युकि इसमें लोहे की कुछ हद्द तक मिलावट पाई जाती है।

लुधियाना में MRI का खर्च टेस्ला पर आधारित है, इसलिए जरूरी है की टेस्ट को करवाने से पहले हर टेसले का रेंज जरूर पूछे।

 

एमआरआई (MRI) मशीन का खतरा कब सबसे ज्यादा होता है ?

  • शरीर की जांच और शरीर की रक्षा के लिए बनी ये मशीन कई बार ख़तरनाक और जानलेवा भी साबित हो सकती है, वैसे रूम में दाख़िल होने से पहले ये सुनिश्चित किया जाता है कि मरीज़ के पास कोई धातु की चीज़ ना हो लेकिन कई बार अनजाने में गड़बड़ी हो जाती है। 

  • अगर शरीर के भीतर कोई स्क्रू, शार्पनेल या कारतूस के हिस्से भी है, तो ख़तरनाक साबित हो सकते है। 

  • इसके अलावा मेडिकेशन पैच, ख़ास तौर से निकोटिन पैच लगाकर स्कैन रूम में जाना सही नहीं है क्योंकि उसमें एल्यूमीनियम के कुछ अंश होते है, स्कैनर चलने के वक्त ये पैच गर्म हो सकते है, जिससे मरीज़ मशीन के अंदर ही जल सकता है।

 

क्या होता है एमआरआई (MRI) स्कैन में ?

  • MRI स्कैनर एक सिलेंडरनुमा मशीन होती है, जो दोनों तरफ़ से खुली होती है, फिर जांच कराने वाले व्यक्ति को मोटराइज़्ड बेड पर लेटाकर मशीन के भीतर भेजा जाता है। 

  • कुछ मामलों में शरीर के किसी ख़ास हिस्से पर जाँच के दौरान फ़्रेम भी रखा जाता है जैसे कि सिर या छाती। वहीं इस फ़्रेम में ऐसे रिसीवर होते है, जो स्कैन के दौरान शरीर की तरफ़ से जाने वाले सिग्नल को जल्दी पकड़ते है, जिससे बढ़िया गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने में मदद मिलती है। 

 

एमआरआई (MRI) जाँच के लिए बेस्ट सेंटर !

अगर आप बिना किसी खतरे के MRI जाँच को करवाना चाहते है, तो इसके लिए आप कल्याण डायग्नोस्टिक्स सेंटर का चुनाव करें। 

 

निष्कर्ष :

एमआरआई (MRI) स्कैन के खतरे से बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में हम आपको उपरोक्त बता चुके है। इसलिए जरूरी है की इस स्कैन के दौरान आपको किसी अनुभवी रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।