कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के रोगों को जानने के लिए एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे है सहायक ?


कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के रोगों को जानने के लिए एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे है सहायक ?

बच्चे का एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने से पहले किन बातों का रखें ध्यान

एमआरआई (MRI) स्कैन जिससे एक नहीं बल्कि कई सारी बीमारियों का पता चलता है, वहीं अक्सर व्यक्ति में किसी भी तरह की बीमारी अगर नज़र आए तो सबसे पहले डॉक्टर के द्वारा सलाह दी जाती है व्यक्ति को की वो अपना एमआरआई स्कैन करवाए, वहीं आज के लेख में चर्चा का विषय ये है की कैंसर के दौरान व्यक्ति कैसे अपना एमआरआई (MRI) स्कैन करवाकर खुद को बचा सकता है ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • एमआरआई जिसे ‘मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग’ जांच के रूप में जाना जाता है। 
  • वहीं इसमें शरीर के अंदर की उच्च गुणवत्ता वाली, विस्तृत तस्वीरें बनाने के लिए एक बड़े चुंबक, रेडियो तरंगों और कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। 
  • एमआरआई जांच में दर्द नहीं होता, जिसके चलते इस टेस्ट को कोई भी करवा सकता है। 
  • इसके अलावा एमआरआई स्कैन डॉक्टरों के लिए काफी मददगार साबित होते है, क्युकि इस टेस्ट की मदद से उनको बीमारी का अच्छे से पता चलता है. और बीमारी का अच्छे से पता होने के कारण व्यक्ति का इलाज भी अच्छी तरीके से किया जाता है। 
  • अगर आपको भी अपनी बीमारी का अच्छे से पता लगाना है तो इसके लिए आपको लुधियाना में बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने के दौरान क्या दिखाई देता है ?

  • एक एमआरआई स्कैन आपके अंदर के अंगों की क्रॉस-सेक्शन छवियों को उत्पन्न करता है। 
  • दूसरी ओर, एमआरआई विकिरण के बजाय शक्तिशाली चुम्बकों के साथ चित्र बनाता है। 
  • एक एमआरआई स्कैन आपके शरीर के क्रॉस-सेक्शनल दृश्य को विभिन्न कोणों से एकत्र करता है जैसे कि आपके शरीर के एक टुकड़े को सामने, बगल या आपके सिर के ऊपर से देख रहा हो। 
  • एमआरआई शरीर के नरम ऊतक क्षेत्रों की छवियां उत्पन्न करता है जिन्हें पारंपरिक इमेजिंग तकनीकों के साथ देखना मुश्किल होता है। एमआरआई का उपयोग करके कुछ ट्यूमर पाए जा सकते है और उनका पता लगाया जा सकता है। 
  • मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में विकृतियों का पता लगाने के लिए कंट्रास्ट डाई वाला एमआरआई सबसे प्रभावी तकनीक है। 
  • एमआरआई से डॉक्टर कभी-कभी पता लगा सकते है कि व्यक्ति को ट्यूमर कैंसर है या नहीं। 
  • एक चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन का उपयोग इस बात के प्रमाण की जांच के लिए भी किया जा सकता है कि कैंसर शरीर के किसी अन्य क्षेत्र से उत्पन्न हुआ है या नहीं।
  • एमआरआई स्कैन सर्जरी या विकिरण चिकित्सा जैसे उपचारों की योजना बनाने में डॉक्टरों की काफी मदद करते है।
  • वहीं स्तन के आंतरिक भाग की जांच के लिए एक विशेष प्रकार के एमआरआई का उपयोग किया जा सकता है।

एमआरआई (MRI) स्कैन में कितना समय लगता है ?

सामान्य एमआरआई स्कैन में 20 से 90 मिनट का समय लगता है, बाकि यह शरीर के जांच वाले अंग पर निर्भर करता है। 

एमआरआई (MRI) स्कैन की जाँच करवाने से पहले एक बार लुधियाना में MRI का खर्च कितना है उसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।

एमआरआई (MRI) स्कैन की जटिलताएं क्या है ? 

  • मतली की समस्या। 
  • सुई स्थल पर दर्द का होना। 
  • एक सिरदर्द जो परीक्षण समाप्त होने के कुछ घंटों बाद दोबारा विकसित होता है। 
  • रक्तचाप के कारण हल्कापन या बेहोशी का महसूस होना आदि।

एमआरआई (MRI) स्कैन से जुडी और किन बातों का पता होना चाहिए !

  • एमआरआई में काफी खर्च हो सकता है, इसलिए जरूरी है की आपके पास आपका स्वास्थ्य बीमा जरूर होना चाहिए।
  • अधिक वजन वाले लोगों को एमआरआई मशीन में फिट होने में परेशानी हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान एमआरआई के उपयोग का अच्छी तरह से अध्ययन नहीं किया जाता है। एमआरआई आमतौर पर गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में नहीं किया जाता है जब तक कि इसका उपयोग करने के लिए कोई मजबूत चिकित्सा कारण न हो।
  • परीक्षा कक्ष में क्रेडिट कार्ड या चुंबकीय स्कैनिंग स्ट्रिप्स के साथ अन्य सामान न लाएं।
  • एमआरआई आपको विकिरण के संपर्क में नहीं लाता है।

एमआरआई (MRI) जाँच के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप अगर एमआरआई (MRI) की जाँच को करवाना चाहते है वो भी किफायती दाम में तो इसके लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए, क्युकि यहाँ पर मरीजों की जाँच काफी अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *