एमआरआई (MRI) स्कैन कैसे हमारे शरीर के आंतरिक अंगों की जाँच के लिए बेहतर माना जाता है, और इसकी जरूरत व्यक्ति को कब पड़ती है, इसका चयन किन्हें करना चाहिए जैसे तमाम एमआरआई से जुड़े प्रश्नों का उत्तर हम आज के लेख में प्रस्तुत करेंगे ;
एमआरआई (MRI) स्कैन की जरूरत कब पड़ती है ?
- जब हमें जोड़ों और हड्डियों से सम्बंधित बीमारियों का डायग्नोसिस कराने की जरूरत पड़े।
- हृदय से सम्बंधित बीमारियों की पहचान करने के लिए।
- ब्रेस्ट कैंसर के खतरे का पता लगाने के लिए।
- रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की समस्याओं का पता लगाने के लिए।
- गर्भ और लिवर कैंसर का डायग्नोसिस करने के लिए।
- इनफर्टिलिटी का इलाज करवा रही महिलाओं में गर्भाशय की असामान्यताओं का पता लगाने के लिए।
- महिलाओं में पैल्विक दर्द के कारणों का मूल्यांकन करने के लिए, जिसमें एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड शामिल होता हैं
क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। यह एक्स-रे (विकिरण) का उपयोग नहीं करता है।
- अधिकांश एमआरआई मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की चुम्बक होती है। वहीं जब आप MRI मशीन के अंदर लेटते है, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: संरेखित करता है।
एमआरआई (MRI) स्कैन होने के दौरान क्या होता है !
- इस स्कैन के दौरान आपके शरीर के जिस हिस्से का स्कैन होना होता है उस हिसाब से आपको लेटाया जाता है। अर्थात यह निर्णय किया जाता है कि आपके पैर आगे होने है या आपका सिर।
- एमआरआई स्कैनर एक रेडियोग्राफर की मदद से काम करता है जोकि तस्वीरों को बाहर निकालता है। इसे एक कंप्यूटर की सहायता से ऑपरेट किया जाता है और इसे दूसरे कमरे में रखा जाता है ताकि वह स्कैनर में लगे मैग्नेट के सम्पर्क में न आ पाए।
- आप एक इंटरकॉम के माध्यम से रेडियोग्राफर से बात भी कर सकते है और वह स्कैन करने के दौरान आपको मॉनिटर पर देख भी सकते है।
- स्कैन के दौरान स्कैनर जोर-जोर से आवाजें भी निकालता है। यह स्कैनर के अंदर इलेक्ट्रिक करंट होता है जो बार-बार ऑन व ऑफ किया जाता है। आपको हेड फोन भी पहनने को दिए जाते हैं।
- आपको पूरी स्कैन के दौरान एक ही अवस्था में रहना होता है। यह स्कैन आपके शरीर के स्कैन होने वाले भाग के आधार पर 15 से 90 मिनट लंबा चल सकता है।
एमआरआई (MRI) स्कैन के दौरान कौन-सी तैयारियां करें !
- अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर आपको एक गाउन चेंज करने को बोल सकते है, क्योंकि यह आवश्यक होता है ताकि स्कैनर के अंदर जाने से पहले आपके शरीर में कोई भी मेटल की वस्तु न पहनी हुई हो। इसलिए डॉक्टर आपको आपके गहने व सभी मेटल की चीजें जो आपने पहनी हुई हैं को निकालने के लिए बोलते है।
- यदि किसी व्यक्ति के अंदर किसी प्रकार का मेटल है जैसे कोई बुलेट या मेटैलिक तो यह स्कैन नहीं हो सकता, वहीं आपके किसी ऑर्गन की विजिबिलिटी को बढ़ाने के लिए डॉक्टर्स आपको इंजेक्शन भी दे सकते है।
एमआरआई (MRI) स्कैन की तैयारियों का चयन करने से पहले एक बार लुधियाना में MRI का खर्च कितना आता है इसके बारे में जरूर जनकारी हासिल करें।
एमआरआई (MRI) स्कैन का कोई नुकसान भी है ?
वैसे तो किसी मरीज पर एमआरआई स्कैन का कोई नुकसान या कोई साइड इफेक्ट कम देखने को मिलता है। लेकिन फिर भी कंट्रास्ट डाई के कारण आपका जी घबरा सकता है, आपके सिर में दर्द हो सकता है और कुछ लोगों को तो जलन या इंफेक्शन भी हो जाता है। इसके कारण एलर्जी भी हो जाती है। इससे आंखों में भी कभी कभार खुजली हो जाती है। यदि आपको इस प्रकार का कोई साइड इफेक्ट देखने को मिलता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
एमआरआई (MRI) स्कैन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !
एमआरआई का चयन अगर आप अपने शरीर की समस्याओं का पता लगाने के लिए करना चाहते है तो इसके लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
एमआरआई जांच के बाद अपनी बीमारी का इलाज अच्छे से करवाए ताकि आपके शरीर में किसी भी तरह की परेशानी न आ सकें। और साथ ही जाँच से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए आर्टिकल को जरूर से पढ़े।