जानिए क्या अंतर है, एमआरआई (MRI) और सीटी (CT) स्कैन में ?


जानिए क्या अंतर है, एमआरआई (MRI) और सीटी (CT) स्कैन में ?

बच्चे का एमआरआई (MRI) स्कैन करवाने से पहले किन बातों का रखें ध्यान

एमआरआई (MRI) और सीटी (CT) स्कैन जिसको लेकर बहुत से लोगों में कन्फूज़न रहती ही की आखिर इन दोनों में अंतर क्या है, और किस बीमारी को जानने के लिए हमे सीटी (CT) और एमआरआई (MRI) स्कैन का चयन करना चाहिए। तो अगर आपमें भी इन दोनों स्कैन को लेकर दुविधा है, तो इसके लिए आप आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े और साथ ही हमारी पूरी कोशिश रहेगी की हम आपके दुविधा का समाधान इस छोटे से आर्टिकल के माध्यम से दे सके ;

क्या है एमआरआई (MRI) स्कैन ?

  • रेडियो तरंगों और चुम्बकों का उपयोग करके, आपके शरीर के अंदर की वस्तुओं को देखने के लिए MRI का उपयोग किया जाता है। 
  • इसमें एक निरंतर चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो फ्रीक्वेंसी आपके शरीर में फैट और पानी के अणुओं से उछलती है। रेडियो तरंगों को मशीन में एक रिसीवर के माध्यम से प्रेषित किया जाता है, जिसे शरीर की एक छवि में अनुवादित किया जाता है। 
  • वहीं एमआरआई की बात करें तो यह एक लाउड मशीन है। आमतौर पर, इस मशीन के अंदर काफी शोर होता है, इसलिए इस शोर से बचाने के लिए डॉक्टर आपको इयरप्लग या हेडफोन देते है।

एमआरआई (MRI) स्कैन की जरूरत कब पड़ती है ?

  • जब मस्तिष्क में चोट लगी हो। 
  • कैंसर होने पर। 
  • रीड़ की हड्डी में चोटें को जानने के लिए। 
  • आंखों की समस्या होने पर। 
  • भीतरी कान की समस्याओं में। 
  • दिल की बीमारी में। 
  • गठिया की समस्या होने पर। 
  • हड्डी में संक्रमण के कारण। 
  • जोड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों में। 
  • रीढ़ की हड्डी में डिस्क की समस्या। 
  • स्तन कैंसर के कारण। 
  • लिवर और किडनी में समस्या होने पर।

एमआरआई (MRI) के दौरान क्या होता है ?

  • आप परीक्षण के दौरान जोर से थंपिंग या टैपिंग ध्वनि सुन सकते है। 
  • आप टेस्टिंग के दौरान एक मरोड़ महसूस कर सकते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एमआरआई आपके शरीर में नसों को उत्तेजित करता है। 
  • वहीं एमआरआई स्कैन में 20 से 90 मिनट का समय लग सकता है। 

एमआरआई (MRI) टेस्ट करवाने से पहले एक बार लुधियाना में MRI का खर्च कितना है, इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।

क्या है सीटी (CT) स्कैन ?

  • सीटी स्कैन विशेष एक्स-रे परीक्षण है, जो एक्स-रे और एक कंप्यूटर का उपयोग करके शरीर की क्रॉस-सेक्शनल छवियां उत्पन्न करते है। इसे सिर से लेकर पैर तक शरीर के किसी भी हिस्से की जाँच करने के लिए किया जाता है। सीटी स्कैन द्वारा दी गई जानकारी छाती के एक्स-रे से कहीं अधिक है।
  • वहीं सीटी (CT) स्कैन गर्भवती महिलाओं को नहीं कराना चाहिए।

किन बीमारियों को जानने के लिए सीटी (CT) स्कैन का चयन किया जाता है ?

  • मांसपेशियों संबंधी समस्या को। 
  • हड्डी से संबंधित गंभीर बीमारियों को। 
  • कैंसर के इलाज के दौरान भी आप इससे अपनी जाँच करवा सकते है। 
  • शरीर की किसी अंदरूनी चोट के इलाज के लिए। 
  • हार्ट से संबंधित समस्याओं या बीमारी के इलाज को करवाने के लिए भी आप इस स्कैन का चयन कर सकते है।

कैसे किया जाता है सीटी (CT) स्कैन ?

  • सीटी स्कैन के लिए रोगी को सीटी स्कैन मशीन के अंदर लेटाया जाता है, यह मशीन सुरंग की तरह होती है जिस पर लेटाकर व्यक्ति को अंदर ले जाया जाता है। 
  • शरीर के जिस हिस्से का सीटी स्कैन करना होता है, उसी हिस्से के फोटोग्राफ लिए जाते है। 
  • सीटी स्कैन के बाद फोटो कंप्यूटर में भेजी जाती है, फिर इनकी थ्री डी पिक्चर्स बनाकर असेंबल कर दिया जाता है, जिसकी स्टडी करके डॉक्टर्स रोगी की सही स्थिति की जानकारी प्राप्त कर लेते है। 
  • इस टेस्ट को कराने में बहुत ही कम समय लगता है और इस टेस्ट से आपको डरने की जरूरत नहीं है, क्युकी इसमें आपको कोई कट नहीं लगाया जाता है।

लुधियाना में CT स्कैन का खर्च कितना आता है, इसके बारे में जानने के बाद ही इस टेस्ट का चयन करें।

सुझाव :

यदि आप एमआरआई (MRI) और सीटी (CT) स्कैन करवाने के बारे में सोच रहें है, तो इसके लिए आपको कल्याण डायग्नोस्टिक्स सेंटर का चयन करना चाहिए, वहीं ये दोनों टेस्ट सही लागत में इस सेंटर में किया जाता है।

 

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