एमआरआई (MRI) सर्वाइकल स्पाइन करवाने के क्या है लागत, परिणाम व सम्पूर्ण जानकारी ?


एमआरआई (MRI) सर्वाइकल स्पाइन करवाने के क्या है लागत, परिणाम व सम्पूर्ण जानकारी ?

एमआरआई-(MRI)-जाँच-किन-लोगों-के-लिए-सहायक-माना-जाता-है

एमआरआई (MRI) जोकि हर बीमारी को पकड़ने में काफी मददगार साबित होती है। साथ ही एमआरआई की मदद से हम अंधरुनि समस्या को जानकर उसका इलाज अच्छे से करवा सकते है। वहीं एमआरआई से सर्वाइकल स्पाइन का इलाज व जाँच को कैसे किया जाता है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

एमआरआई (MRI) कैसे सहायक है सर्वाइकल स्पाइन की जाँच के लिए ?

  • एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन रीढ़ के सर्वाइकल क्षेत्र (गर्दन के पीछे की तरफ) की जांच और पता लगाने में मदद करता है। यह गर्दन और रीढ़ की अंदरूनी चोट या फ्रैक्चर का पता करने में मदद करते है। 
  • यदि आपको गर्दन के क्षेत्र में दर्द है तो डॉक्टर आमतौर पर इसकी सलाह देते है। यह परीक्षण गर्दन और सर्वाइकल स्पाइन के कोमल ऊतकों का 3-डी दृश्य देता है। वही लुधियाना में MRI का खर्च या सर्वाइकल स्पाइन की कीमत 3000 रुपये से लेकर 6000 रुपये तक है।

सर्वाइकल स्पाइन के MRI में क्या शामिल हो सकते है ?

  • सात कशेरुक जो C1 से C7 तक होते है। 
  • रक्त वाहिकाएं। 
  • नसे। 
  • पट्टा। 
  • बंधन। 
  • उपास्थि आदि इसके MRI में शामिल होते है। 

क्या है सर्वाइकल MRI स्कैन ? 

  • सर्वाइकल एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) गर्दन के पीछे की हड्डियों, जिन्हें सर्वाइकल स्पाइन कहा जाता है, की विस्तृत छवियां उत्पन्न करने के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करते है।  
  • परीक्षण के दौरान, एमआरआई मशीन व्यक्ति के शरीर में एक अस्थायी चुंबकीय क्षेत्र बनाती है, जो शरीर में मौजूद हाइड्रोजन परमाणुओं को क्षेत्र के साथ संरेखित करने के लिए मजबूर करती है।
  • अगर आप गर्दन के पीछे की हड्डियों या सर्वाइकल स्पाइन की समस्या से परेशान है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट रेडियोलॉजिस्ट से अपनी जाँच को करवाना चाहिए।

सर्वाइकल स्पाइन MRI का उद्देश्य क्या है ?

  • रीढ़ की हड्डी में चोट लगी हो तो इसके लिए इस स्कैन का चयन किया जाता है।  
  • हड्डियों या कोमल ऊतकों में ट्यूमर या कैंसर होने पर भी आप इस स्कैन का चयन कर सकते है। 
  • हर्नियेटेड डिस्क होने पर इस स्कैन का चयन करना।
  • डिस्क फलाव की समस्या होने पर इसका चयन करना। 
  • जन्मजात या शारीरिक जन्म दोष होने पर इस स्कैन का चयन करना।
  • हड्डियों की बनावट में असामान्यता के आने पर इसका चयन करना।
  • स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या होने पर इसका चयन करना। 
  • ऊपरी अंगों में अकड़न होने पर इसका चयन करना।

MRI सर्वाइकल स्पाइन के विभिन प्रकार क्या है ?

  • WSS के साथ MRI का सर्वाइकल स्पाइन करवाना। 
  • एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन फ्लेक्सन-एक्सटेंशन। 
  • ब्रेन जांच के साथ एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन की जाँच। 
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस का पता लगाने के लिए। 
  • ALS के पहचान के लिए। 
  • गतिशील एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन।
  • कंट्रास्ट के साथ एमआरआई सर्वाइकल स्पाइन। 

सर्वाइकल स्पाइन MRI क्यों किया जाता है ?

  • गर्दन, बांह या कंधे में गंभीर दर्द जो इलाज के बाद भी कम ना हो तो इस जाँच का चयन करें। 
  • पैर में कमजोरी या सुन्नता जैसे लक्षणों के साथ गर्दन में दर्द होने पर। 
  • रीढ़ की हड्डी के जन्म दोष या रीढ़ की हड्डी में चोट का पता लगाना। 
  • रीढ़ की हड्डी में संक्रमण या ट्यूमर का पता लगाने के लिए। 
  • रीढ़ की हड्डी में गठिया का पता लगाने के लिए। 
  • परीक्षण स्पाइन सर्जरी से पहले या बाद में भी किया जा सकता है।

सर्वाइकल MRI कैसे किया जाता है ?

  • रेडियोग्राफर आपको स्कैन कक्ष में प्रवेश करने से पहले डेन्चर और विग सहित सभी धातु की वस्तुओं को हटाने का निर्देश देंगे। 
  • वे आपको हॉस्पिटल गाउन पहनने के लिए कह सकते है। 
  • आपको एक बिस्तर पर लेटना होगा, जो एमआरआई स्कैनर मशीन के अंदर चला जाएगा। 
  • प्रक्रिया में एक डाई (कंट्रास्ट) की आवश्यकता हो सकती है, जो परीक्षण से पहले आपकी बांह में एक नस के माध्यम से दी जाएगी। 
  • कंट्रास्ट कुछ क्षेत्रों को अधिक साफ-साफ देखने में मदद करता है। 
  • आपको बिल्कुल स्थिर होकर लेटना होगा, क्योंकि हरकतें तस्वीरों को धुंधला बना सकती है। 
  • परीक्षण आमतौर पर 30-60 मिनट तक चलता है लेकिन इसमें अधिक समय भी लग सकता है। 

सर्वाइकल MRI के जोखिम क्या है ?

  • कंट्रास्ट से एलर्जी की प्रतिक्रिया को करना, जोकि काफी जोखिम भरा होता है। 
  • एमआरआई मशीन में मौजूद मजबूत चुंबक पेसमेकर और अन्य धातु प्रत्यारोपण में खराबी या शरीर के अंदर हिलने-डुलने का कारण बन सकते है। 
  • उपयोग किया जाने वाला कंट्रास्ट उन किडनी रोगों वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता होती है।

सुझाव :

सर्वाइकल स्पाइन में अगर आपको दिक्कत है तो इस समस्या का सामना करने के लिए आपको एमआरआई का चयन करना चाहिए, क्युकी एमआरआई की मदद से ये जानना काफी आसान हो जाता है की व्यक्ति को किस तरह की समस्या है। 

इसके अलावा आप चाहें तो इस टेस्ट को कल्याण डायग्नोस्टिक्स हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

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